मोहन माला
महात्मा गांधीके लेखों और भाषणोंसे
वर्षके प्रतिदिनके मननके लिए चुने हुए सुविचार
इस पुस्तकमें मैंने 366 ‘विचार-मोतियों’ की मालाके रूपमें पाठकोंके सामने महात्मा गांधीके जीवन दर्शनका सार प्रस्तुत करनेका प्रयत्न किया है। वर्षके प्रत्येक दिनके मननके लिए - इसमें फरवरीकी 29 वीं तारीख शामिल है - एक ‘मोती’ गांधीके लेखों और भाषणोंमें से चुना गया है। इन मोतियोंको ऐसे क्रममें रख गया है, जिससे एक विचारसे दूसरे विचार पर जानेमें पाठकोंको अधिकसे अधिक सुविधा हो । पाठक दोनों दृष्टियोंसे इस मालाका उपयोग कर सकते हैं। वे चाहें तो प्रत्येक सुविचारके दैनिक मननके लिए इसका लाभ उठा सकते हैं, अथवा चाहें तो एक बैठकमें अधिक सुविचारोंके पठनके लिए भी इसका लाभ उठा सकते हैं।
हिन्दी अनुवाद मूल अंग्रेजी संस्करण से किया गया है।
1-11-1960 आर. के. प्रभु