महात्मा गांधी |
''आओ अपराधी को हम प्यार दे घृणा नहीं और जीतने दें प्यार को कर लेने दें फैसला उसे हमारे भाग्य का जानते हो- किसी पड़ोसी से प्यार करना कला श्रेष्ठतम है सम्मान दो प्यार को उन्मुक्त मन से मेरे प्रिय बन्धु ।" - बलेन्तिन सीदरोव |