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राजघाट


समाधी
 

यमुना नदी के पश्चिमी तटपर 31 जनवरी 1948 की शाम यहीं पर गांधीजी का अंतिम संस्कार किया गया। उनकी स्मृतियाँ अब भी यहाँ जीवंत है। यहाँ एक साधारण-सा चबूतरा है जिस पर बापू के अंतिम शब्द ''हे राम`` कुदे हुए है। पास ही उपवन, फव्वारा तथा विलक्षण पेड़-पौधे लगे हुए है।


यहाँ कैसे पहुँचे :-

भारत की राजधानी होने के नाते दिल्ली, पूरे देश से रेल और हवाई मार्ग से जुड़ी हुई है।


यात्रा का सर्वोत्तम समय :-

अक्तूबर से मार्च


अतिरिक्त जानकारी के लिए संपर्क करें :-

http://delhi.eindiatourism.com/rajghat.html

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